दिल को बहलाने के ये अच्छे बहाने हो गये,
रोज़ ना मिलने का मतलब यह तो हरगिज़ ही नही,
की ये मेरे रिश्ते बेमानी और ताल्लुक बेगाने हो गये,
दुनिया की सब बातें भुला कर इश्क़ मे जीने लगा,
तो लोग कहते हैं की तुम पागल दीवाने हो गये,
जाने क्या उम्मीद सी दिल ने बनाए रक्खी है,
यूँ आप को बिछड़े हुए मुझसे जमाने हो गये,
अब ना कोई दर्द ना आँसू ना कोई आह है,
अब तो यारो इश्क़ मे हम भी सयाने हो गए.
लाजवाब .
ReplyDeleteपोला की बधाई भी स्वीकार करें .
बहुत बढ़िया
ReplyDeleteकृपया सह-चिट्ठाकारों को प्रोत्साहित करने में न हिचकिचायें.
नोबल पुरुस्कार विजेता एन्टोने फ्रान्स का कहना था कि '९०% सीख प्रोत्साहान देता है.'
बहुत ख़ूब अर्पित...लेकिन सिर्सक ठीक कर लो...सयाने के जगह पर सायने टाइप हो गया है!!
ReplyDeletebahut achchha ..........................
ReplyDeleteवक़्त सब को सयाना बना देता है , अर्पित भाई !
ReplyDeleteसुंदर अभिव्यक्ति.
Bahut Hi koob aapne to Galib ki Yaad Dila Di.
ReplyDeleteAise hi likhte rahen
Waah Waah Kya Baat Hai
ReplyDeleteजाने क्या उम्मीद सी दिल ने बनाए रक्खी है,
ReplyDeleteयूँ आप को बिछड़े हुए मुझसे जमाने हो गये,
अब ना कोई दर्द ना आँसू ना कोई आह है,
अब तो यारो इश्क़ मे हम भी सयाने हो गए.
बहुत अच्छी ग़ज़ल कही है...इश्क सयाना बना ही देता है
अब ना कोई दर्द ना आँसू ना कोई आह है,
ReplyDeleteअब तो यारो इश्क़ मे हम भी सयाने हो गए.
दुआ है आप यूँ ही सयाने होते रहे .....!!
waaah arpit ji....bahut umda...
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