अल्लाह मेरी आह मे इतना असर तो भर दे,
दुनिया के दहशतगर्दों को तू खाक तो कर दे,
नफ़रतों का दौर है तेरी दुनिया मे आजकल,
इन लोगों मे ज़रा प्यार के ज़ज्बात तो भर दे,
है इंसानियत नदारद दुनिया से तेरी या रब,
इंसान को ज़रा फिर इंसान सा तो कर दे,
बेआस बेसहारा जो दर-दर भटक रहें हैं,
वो मासूम से बच्चे हैं उन्हें आसरा तो कर दे,
चैन हो अमन हो, जिस दुनिया मे हो मोहब्बत,
ऐसी भी एक दुनिया का आगाज़ तो कर दे.