Wednesday, September 8, 2010

हम भी सयाने हो गए

आँखों आँखों मे शुरू दिल के फसाने हो गये,
दिल को बहलाने के ये अच्छे बहाने हो गये,

रोज़ ना मिलने का मतलब यह तो हरगिज़ ही नही,
की ये मेरे रिश्ते बेमानी और ताल्लुक बेगाने हो गये,

दुनिया की सब बातें भुला कर इश्क़ मे जीने लगा,
तो लोग कहते हैं की तुम पागल दीवाने हो गये,

जाने क्या उम्मीद सी दिल ने बनाए रक्खी है,
यूँ आप को बिछड़े हुए मुझसे जमाने हो गये,

अब ना कोई दर्द ना आँसू ना कोई आह है,
अब तो यारो इश्क़ मे हम भी सयाने हो गए.

10 comments:

  1. लाजवाब .


    पोला की बधाई भी स्वीकार करें .

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  2. बहुत बढ़िया

    कृपया सह-चिट्ठाकारों को प्रोत्साहित करने में न हिचकिचायें.

    नोबल पुरुस्कार विजेता एन्टोने फ्रान्स का कहना था कि '९०% सीख प्रोत्साहान देता है.'

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  3. बहुत ख़ूब अर्पित...लेकिन सिर्सक ठीक कर लो...सयाने के जगह पर सायने टाइप हो गया है!!

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  4. bahut achchha ..........................

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  5. वक़्त सब को सयाना बना देता है , अर्पित भाई !
    सुंदर अभिव्यक्ति.

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  6. Bahut Hi koob aapne to Galib ki Yaad Dila Di.
    Aise hi likhte rahen

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  7. Waah Waah Kya Baat Hai

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  8. जाने क्या उम्मीद सी दिल ने बनाए रक्खी है,
    यूँ आप को बिछड़े हुए मुझसे जमाने हो गये,

    अब ना कोई दर्द ना आँसू ना कोई आह है,
    अब तो यारो इश्क़ मे हम भी सयाने हो गए.

    बहुत अच्छी ग़ज़ल कही है...इश्क सयाना बना ही देता है

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  9. अब ना कोई दर्द ना आँसू ना कोई आह है,
    अब तो यारो इश्क़ मे हम भी सयाने हो गए.

    दुआ है आप यूँ ही सयाने होते रहे .....!!

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