कुछ लिखा है
This pen's all I have of magic wand
Sunday, June 28, 2020
आराम
Monday, May 28, 2012
सत्ता का संतुलन
सत्ता के संतुलन को बनाए रखने के लिए राजनीतिक दल क्या क्या नही करते, वादे करना लोगों को गुमराह करना और अपना काम कर लेना, धाँधली, घोटाला, हत्या या फरेब, ये सभी एक अच्छे राज नेता के गुण माने जाते हैं. भारत की आज़ादी के बाद से लेकर अब तक राज नेता बलवान होते गये हैं और जनता कमजोर, मगर फिर भी हम इसे एक लोकतांत्रिक देश मानते हैं. हिंदू-मुस्लिम दंगे, आरक्षण पर बवाल, घूसखोरी, रिश्वत ये सब सत्ता के संतुलन को बनाए रखने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले घातक हथियार है.
सोचने की बात है की जो देश भारत के बाद आज़ाद हुए हैं वो तरक्की करते रहे और हम पिछड़ते जा रहे हैं, तो सत्ता का संतुलन कहाँ डगमगा रहा है, भारत मे वर्तमान समस्या ये है की भारत का नेतृत्व प्रभावशाली नही है, केंद्र सरकार के संबंध गैर कांग्रेसी राज्यों के साथ अच्छे नही हैं,यानी की संपूर्ण देश को दो हिस्सों मे बाँट कर शासन किया जा रहा है और जब तक ऐसा चलता रहेगा भारत कभी विकसित नही हो सकेगा.२०११ तक हर साल भारत मे सबसे विकाशील प्रमुख पाँच राज्यों के नाम घोषित किए जाते थे परंतु जब हर बार ये नाम गैर कॉंग्रेसी राज्यों के होने लगे तो सरकार ने इस प्रक्रिया पर ही रोक लगा दी.
हाल ही मे हमारे प्रधानमंत्री जी ने अपनी सरकार के तीन साल पूरे होने का जश्न मनाया है, खुद अपनी ही पीठ थपथपा कर कहा की हम प्रगती के मार्ग पर हैं, इस मौके पर उन्होने अपना तीन साल का रिपोर्ट कार्ड भी प्रस्तुत किया, जाहिर है वो रिपोर्ट कार्ड मैडम जी ने बनाई होगी, तभी उन्होने उस कार्ड मे "नक्सलवाद" और "कुपोषण" जिसे स्वयं प्रधान मंत्री जी ने देश की सबसे बड़ी समस्या बताया था उसका ज़िक्र तक नही किया गया.
हमारे विदेश मंत्री जो विदेशों मे हमारे देश का प्रतिनिधित्व करते हैं यू.एन. की सभा मे जाकर दूसरे देश का भाषण पढ़ते हैं तो सरकार इसे विपक्ष की चाल बता कर संसद मे बैठक करती है.
इसके अलावा आज कल टीवी पर निर्मल दरबार की बड़ी चर्चा है, मगर हमारे देश की सरकार मे उपर से नीचे तक हज़ारो निर्मल बाबा है जो कहते हैं की हमें वोट दो तो कृपा हो जाएगी. अब निर्मल बाबा पर तो केस चल रहा है बाकी के बाबओं का फ़ैसला जनता की अदालत करेगी.
Sunday, July 17, 2011
Monday, January 3, 2011
इज़्ज़त बनी रहे
इतनी सी दुआ करना की इज़्ज़त बनी रहे,
रुलाता है तू मुझे ज़ख़्मों पे मेरे हंस कर,
ऐ दोस्त तेरी ऐसी ही फ़ितरत बनी रहे,
अल्फ़ाज़ निकलते है हर बार लब से सच्चे,
बेखौफ़ ता-कयामत ये नीयत बनी रहे,
मंज़िल भी हसीन होगी राहें भी दाद देंगी,
बस राह मे हमेशा एक आफ़त बनी रहे.
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Wednesday, November 24, 2010
अब जो आया हूँ...
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Thursday, September 23, 2010
मुसाफिर
Wednesday, September 8, 2010
हम भी सयाने हो गए
दिल को बहलाने के ये अच्छे बहाने हो गये,
रोज़ ना मिलने का मतलब यह तो हरगिज़ ही नही,
की ये मेरे रिश्ते बेमानी और ताल्लुक बेगाने हो गये,
दुनिया की सब बातें भुला कर इश्क़ मे जीने लगा,
तो लोग कहते हैं की तुम पागल दीवाने हो गये,
जाने क्या उम्मीद सी दिल ने बनाए रक्खी है,
यूँ आप को बिछड़े हुए मुझसे जमाने हो गये,
अब ना कोई दर्द ना आँसू ना कोई आह है,
अब तो यारो इश्क़ मे हम भी सयाने हो गए.
Tuesday, July 27, 2010
अल्लाह
Monday, July 5, 2010
भारत बंद
रेल सेवा अवरुद्ध है यात्री परेशान है,
मंहगाई घटे ना घटे कुछ हो ना हो,
मगर आज 'भारत बंद' का आह्वान है